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क्रूर ग्रहों को अब ललकारो





क्रूर ग्रहों को अब ललकारो

                  (चौपाई)


क्रूर ग्रहों को अब ललकारो।

विषय-भोग को नित फटकारों।।

पास इन्हें मत आने देना।

यदि आयें तो ठोकर देना।।


नीच-निकटता अति दुःखदायी।

क्रूर वृत्ति की करो पिटायी।।

इन कुत्तों को मत आने दो।

सड़ियल मन को मर जाने दो।।


धर्म विरोधी क्रूर वृत्ति है।

सत्य विरोधी कुटिल वृत्ति है।।

जो इनको है सदा मारता।

वह द्वापर का कृष्ण कहाता।।


अधम वृत्ति में दानवता है।

पुण्य कृत्य में मानवता है।।

शुभ कर्मों से ग्रह भागेंगे।

नंगा नाच नहीं नाचेंगे।।





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1 Comments

Sachin dev

18-Dec-2022 01:29 PM

Well done ✅

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